Sampadkeeya

सम्पादक की ओर से (9th Edition)

सम्पादक की ओर से  पाठकों के लगाव और कलमकारों की आत्मीयता के बल पर ‘जनमैत्री’ अपने उद्देश्यों के साथ अविरल

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देशी मुहावरे (8th Edition)

देशी मुहावरे आँख का तारा, आँख की पुतली घर घाट एक करना पासा पलटना दीवारों के कान होना टाँग अड़ाना

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राखी कि धागे (8th Edition)

साधारण नहीं होते राखी के धागे हमारे भारत देश में अनेक त्योहार मनाये जाते हैं, जिनका उद्देश्य जीवन को सरस

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सम्पादक की ओर से (8th Edition)

सम्पादक की ओर से जन संस्कृति, जन परम्पराओं- प्रथाओंं और भारतीय संस्कारों का प्रतिनिधित्व कर रही ‘जनमैत्री’ के प्रकाशन का

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प्रधान संपादक की ओर से

प्रधान संपादक की ओर से विविधवर्णी रचनाओं के साथ प्रस्तुत है ‘जनमैत्री’ का दूसरा अंक। पत्रिका के प्रवेशांक को आप

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निदेशक की कलम से

निदेशक की कलम से जीवन प्रतिपल आशाओं से, जुड़ा हुआ एक सपना है । उम्मीदों के सूरज से बल ले,

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