राखी कि धागे (8th Edition)
साधारण नहीं होते राखी के धागे हमारे भारत देश में अनेक त्योहार मनाये जाते हैं, जिनका उद्देश्य जीवन को सरस
साधारण नहीं होते राखी के धागे हमारे भारत देश में अनेक त्योहार मनाये जाते हैं, जिनका उद्देश्य जीवन को सरस
निदेशक की कलम से धार्मिक स्थलों के प्रति बढ़ता यात्रा का एहसास अपने आप में एक सुखद अनुभव है, फिर
सम्पादक की ओर से जन संस्कृति, जन परम्पराओं- प्रथाओंं और भारतीय संस्कारों का प्रतिनिधित्व कर रही ‘जनमैत्री’ के प्रकाशन का
प्रधान संपादक की ओर से विविधवर्णी रचनाओं के साथ प्रस्तुत है ‘जनमैत्री’ का दूसरा अंक। पत्रिका के प्रवेशांक को आप
निदेशक की कलम से जीवन प्रतिपल आशाओं से, जुड़ा हुआ एक सपना है । उम्मीदों के सूरज से बल ले,
सम्पादक की कलम से इलेक्ट्रानिक मीडिया, वेब पोर्टल के लगातार बढ़ते प्रभाव और पत्रकारिता के घोर व्यवसायिक युग में पत्र-पत्रिकाओं
निदेशक की कलम से वर्षो से एक लेख पढ़ता आ रहा हूँ “विज्ञान – वरदान या अभिशाप”। सभी लेखों में
निदेशक की कलम से “जीवन अस्थिर अनजाने ही, हो जाता पथ पर मेल कहीं; सिमित पग-डग, लम्बी मंजिल, तय कर