एक्यूप्रेशर नैचुरोपैथी है बहुत लाभकारी

खुशबू नाहटा कोलकाता

मौसमी बदलावों के साथ वायरल बुखार, गले में खराश, टॉन्सिल, और श्वसन संबंधी समस्याएं आम बात हो जाती हैं। अक्सर लोग इन समस्याओं से निपटने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं, जो केवल तात्कालिक राहत प्रदान करती हैं। हालाँकि, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियाँ जैसे कि एक्यूप्रेशर और नैचुरोपैथी इन समस्याओं का दीर्घकालिक और सुरक्षित समाधान प्रस्तुत करती हैं। आइए जानें कि कैसे ये प्राचीन उपचार विधियाँ हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकती हैं और मौसमी संक्रमणों से रक्षा कर सकती हैं।

एक्यूप्रेशर के लाभ : एक्यूप्रेशर में शरीर के विभिन्न बिंदुओं पर हल्का दबाव डालकर प्राकृतिक रूप से बीमारियों का उपचार किया जाता है। यह पद्धति शरीर की हीलिंग क्षमता को बढ़ाती है और विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करती है। यहाँ कुछ प्रमुख एक्यूप्रेशर बिंदु दिए गए हैं, जिनका प्रयोग वायरल बुखार, टॉन्सिलाइटिस और गले की समस्याओं में राहत प्रदान करता है:

नैचुरोपैथी और उसका प्रभाव: नैचुरोपैथी, या प्राकृतिक चिकित्सा, ऐसी चिकित्सा पद्धति है जो शरीर की प्राकृतिक हीलिंग प्रक्रिया को बढ़ावा देती है। यह पद्धति दवाओं पर निर्भर नहीं होती, बल्कि जड़ी-बूटियों, प्राकृतिक आहार, और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से शरीर को स्वस्थ बनाती है। आइए जानें, किस तरह नैचुरोपैथी के कुछ प्रमुख उपचार गले की समस्याओं और वायरल बुखार में कारगर साबित होते हैं-
1. भाप लेना (स्टीम इनहेलेशन)
2. आयुर्वेदिक काढ़ा
3. जल चिकित्सा: जल चिकित्सा, जिसे जल के विभिन्न तापमानों के उपयोग से उपचार कहा जाता है, शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का एक प्रभावी तरीका है। वायरल बुखार और टॉन्सिलाइटिस में, गर्म पानी से गरारे करने से गले की सूजन और दर्द में तुरंत आराम मिलता है। इसके साथ ही, दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीना शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और संक्रमण से निपटने में मदद करता है।
टॉन्सिलाइटिस और गले की समस्याओं में प्राकृतिक उपाय: टॉन्सिलाइटिस, या गले में टॉन्सिल्स की सूजन, एक आम समस्या है, जो विशेष रूप से बच्चों और किशोरों को प्रभावित करती है। बार-बार टॉन्सिलाइटिस होने पर, गले में सूजन, दर्द और बुखार होता है। इसका समाधान भी प्राकृतिक चिकित्सा में मिलता है।

तनाव और प्रतिरक्षा के बीच संबंध: ऋतुजन्य वायरल बुखार और गले की समस्याओं का एक बड़ा कारण हमारी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली होती है, जिसे तनाव और अस्वस्थ जीवनशैली भी प्रभावित करती हैं। नैचुरोपैथी में योग और ध्यान जैसे उपायों का विशेष महत्व होता है। ये न केवल मानसिक तनाव को कम करने में मदद करते हैं, बल्कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी सशक्त बनाते हैं।

तनाव और प्रतिरक्षा के बीच संबंध: ऋतुजन्य वायरल बुखार और गले की समस्याओं का एक बड़ा कारण हमारी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली होती है, जिसे तनाव और अस्वस्थ जीवनशैली भी प्रभावित करती हैं। नैचुरोपैथी में योग और ध्यान जैसे उपायों का विशेष महत्व होता है। ये न केवल मानसिक तनाव को कम करने में मदद करते हैं, बल्कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी सशक्त बनाते हैं।

योग और प्राणायाम का महत्व: एक्यूप्रेशर और नैचुरोपैथी जैसी प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियाँ गले की समस्याओं, वायरल बुखार और टॉन्सिलाइटिस में न केवल तात्कालिक राहत देती हैं, बल्कि शरीर को दीर्घकालिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायक होती हैं। इन पद्धतियों का नियमित उपयोग जीवनशैली का हिस्सा बनाकर हम न केवल संक्रमणों से बच सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ, संतुलित और निरोगी जीवन की ओर अग्रसर हो सकते हैं। इन सरल, सुरक्षित, और प्रभावी उपचारों को अपनाकर आप बिना दवाओं के भी स्वस्थ रह सकते हैं। मौसमी बदलाव के साथ अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना और गले की समस्याओं से दूर रहना अब संभव है। प्राकृतिक चिकित्सा और एक्यूप्रेशर के माध्यम से शरीर को प्राकृतिक रूप से हील करना और ताजगी से भरा जीवन जीना आसान हो सकता है।

खुशबू नाहटा एक प्रसिद्ध एक्यूप्रेशर चिकित्सक, प्रवक्ता और समन्वयक हैं, जो प्रयागराज में एसपीईयूएस वाहा की सीनियर लेक्चरर हैं से जुड़ी हुई हैं। साथ ही, वह एक प्राणिक हीलर और ग्राफोलॉजिस्ट भी हैं।

लेखिका ने स्वास्थ्य और उपचार के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है। उनके 5 वर्षों के अनुभव में उन्होंने 1000 से अधिक लोगों को तीव्र और दीर्घकालिक बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद की है, जो उन्हें एक अनुभवी और समर्पित चिकित्सक बनाता है। इन्होंने ने 100 से अधिक सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन किया है, जिसमें उन्होंने एक्यूप्रेशर और विभिन्न उपचार विधाओं जैसे प्राणिक हीलिंग, रंग चिकित्सा, बीज और मैग्नेट विधा के माध्यम से हजारों लोगों को लाभ पहुँचाया है। ऑनलाइन सीखें – घर बैठे सरल और प्रभावी उपचार! अब आप घर पर ही रहकर सजोक एक्यूप्रेशर, ‘रंग चिकित्सा’, ‘बीज उपचार’, और ‘मैग्नेट विधा’ के माध्यम से स्वास्थय लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह विधाएँ न केवल सरल हैं बल्कि अपने रोगों को प्राकृतिक तरीके से ठीक करने का अद्भुत साधन भी हैं। यदि आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं और बिना किसी साइड इफेक्ट के स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ना चाहते हैं, तो यह ऑनलाइन सीखने का सुनहरा अवसर है!

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