एक अजूबा रासायनिक विश्लेषण...?

दिनेश गंगराड़े, इंदौर

कुछ भी राजनीतिक नहीं, बस किसी सनकी दिमाग के रासायनिक विश्लेषण का आनंद लीजिए, रसायन शास्त्र को पॉलिटिक्स में घोलिए।

नई रासायनिक क्रिया देखिए (नमो) बनाम (रागा) यहां केमिस्ट्री है।

यह सिर्फ मनोरंजन के लिए है। टेम पास करने की बात है।

एनए रसायन शास्त्र में सोडियम का रासायनिक सूत्र है और आमजीवन में साधारण नमक का संकेत।

नमक हमारे मुल्क में अहम भूमिका निभाता है।

कोई नमक हलाल, नमक का कर्ज निभाता है, किंतु कई लोग अगले का नमक खाकर भी नमक हरामी करते हैं।

वक्त-वक्त पर मनुष्य को नमक का ऋण चुकाना पड़ता है और हम नमक को भूल नहीं सकते?

विगत एक दशक से आम जनता की केमेस्ट्री, नमो के साथ ठीक-ठाक जमी हुई है।

और अपने को राजनीति से क्या लीजे-दीजे?

इसी प्रकार एमओ मोलिंडेनम का सूत्र होकर इसका परमाणु क्रमांक बयालीस है।

यह एक चांदी सा चमकदार धातु, सीसा टाइप तत्व है, जिसका उपयोग मशीनी इंजिन बनाने में होता है।

अब आप देखें कि ये फितरती दिमाग पब्लिक की जमी केमिस्ट्री एवं रसायन शास्त्र के सूत्रों के बीच व्यंग्य को नमूदार कर रहे हैं ?

प्रश्न: नमो की केमिस्ट्री को समझाइए?

उत्तर: NaMo सोडियम (Na) और मोलिब्डेनम (Mo) से बना है। सोडियम ‘आम’ नमक का हिस्सा है और हृदय सहित हमारी जैविक प्रणाली सोडियम के लिए काम करती है। सोडियम धातु मुलायम, चमकदार, रोशनीदार होती है लेकिन इससे खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। यह अत्यधिक प्रतिक्रियाशील होता है। यदि आप हिंसक प्रतिक्रिया देखना चाहते हैं तो पानी में कुछ सोडियम डालने का प्रयास करें। वो टिकेगा ही नहीं।

दूसरी धातु मोलिब्डेनम है। सोडियम के विपरीत, मोलिब्डेनम बहुत कठोर होता है और केवल बहुत उच्च तापमान पर पिघलता है। यह अत्यंत कठिन है और स्टील और सुपर मिश्रित धातु बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। ये मानव शरीर में कुछ महत्वपूर्ण एंजाइमों का हिस्सा है। आप मोलिब्डेनम के बिना मौजूद नहीं हो सकते।

“ना” और “मो” का संयोजन नमो को नरम बनाता है और साथ ही बहुत कठिन भी। अब और भी चौंकाने वाले विश्लेषण के लिए?

प्रश्न: रागा किस धातु का बना होता है ?

उत्तर: रागा मीन्स आर रेडियम (रा) और गैलियम (गा) से बना है। रेडियम एक रेडियोधर्मी तत्व है जिसकी खोज मैडम मैरी क्यूरी ने की थी। रा को सभी बीमारियों का इलाज माना जाता था और शुरुआत में लोग बहुत उत्साहित थे। रेडियम (रा) कायाकल्प चिकित्सा के लिए एक दवा के रूप में इस्तेमाल किया गया था। मैरी क्यूरी सहित कई लोगों की मौत रेडियम जहर से हुई थी। शुरुआती उत्साह के बाद कोई भी रेडियम को छूना नहीं चाहता था और बचे हुए रेडियम से छुटकारा पाने के लिए काफी प्रयास किए गए। दिलचस्प बात यह है कि रेडियम (रा) एक रासायनिक वंश का हिस्सा है। यह थोरियम के क्षय से बनता है और थोरियम स्वयं यूरेनियम के क्षय से बनता है।

नोट, यह एक ‘क्षय’ उत्पाद है। रेडियम (रा) भी रेडॉन में क्षय हो जाता है, जो एक रेडियोधर्मी गैस है और इसलिए अधिक खतरनाक है। इसकी उपस्थिति में सांस लेना भी हानिकारक होता है।

दूसरा तत्व गैलियम (Ga) उनतीस डिग्री सेंटीग्रेड के मप्र के साथ एक शातिर धातु है। आप हाथ में ठोस गैलियम (Ga) लें और वह पिघल जाएगा। अत्यधिक अप्रत्याशित। जीव विज्ञान में गैलियम (Ga) की कोई भूमिका नहीं है। तो रागा एक जहरीले तत्व का एक बेकार तत्व के साथ संयोजन है।

ये सब पढ़कर आप इसे राजनीति से अटैच करना चाहेंगे और तर्क देंगे कि हर रोग की एक ही दवा, पर पॉलिटिक्स न को बाबा ?

हिंदी शायर नीरज बाबा फरमा गए है कि –

“पॉलिटिक्स जस्ट लाइक डांसर, जस्ट लाइक चेंजेबल वाईफ
कभी देयर साइड, कभी नेवर साइड, कभी एनादर साइड”

बुजुर्ग कहते हैं खाली दिमाग, शैतान का घर तो भय्या ये रिटायर्ड भी यही कर व्यंग्य रच रहा है, क्या आप इसे पसंद करेंगे?

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