सम्पादक की ओर से प्रिय पाठकों, देश ‘संकट’ के दौर से गुजर रहा है।...
प्रदीप शुक्ला
संध्यावंदन और गायत्री मंत्र “ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न:...
सम्पादक की ओर से जनमैत्री के बढ़ते सफर और लेखकों, रचनाकारों के आत्मीय सहयोग...
सम्पादक की ओर से पाठकों के लगाव और कलमकारों की आत्मीयता के बल पर...
सम्पादक की ओर से जन संस्कृति, जन परम्पराओं- प्रथाओंं और भारतीय संस्कारों का प्रतिनिधित्व...
सम्पादक की ओर से आप सबकी अपनी ‘जनमैत्री’ पिछले अंकों की तरह इस बार...
सम्पादक की ओर से अपनी सोच और उद्देश्यों के साथ जनमैत्री के कदम लगातार...
सम्पादक की कलम से इलेक्ट्रानिक मीडिया, वेब पोर्टल के लगातार बढ़ते प्रभाव और पत्रकारिता...
पुत्र का रक्षा कवच होता है पिता सिर पर जब तक पिता का साया...
जैसी रही भावना उनकी…! श्रीमती शशि त्रिपाठी भावना ही मनुष्य का जीवन है। भावना...