बिस्वरुप रघुबंस मनि मंदोदरी सहसा चौंक कर उठ गई। देखापार्श्व में शयन कर रहे...
लक्ष्मी त्रिपाठी
समर्पण डॉ. लक्ष्मी शंकर त्रिपाठी कानपुर आनन्दकन्द, आनंदनिधान आनंदधाम जिनकी छत्रछाया में, सान्निध्य में,...
राम कपिन्ह जब आवत देखा ऋष्यमूक पर्वत की एक शिला पर विराजमान “राम एवं...
भरद्वाज आश्रम प्रभु आए माता महारानी कैकेयी द्वारा पिता महाराज दशरथ से मांगे गए...
पुन्य पुंज मग निकट निवासी “महर्षि बाल्मीकि” के आश्रम की ओर ‘वन यात्रा’ में...
बासठ का भारत-चीन युद्ध और पहला रजत पदक गुरुवर विष्णुकांत शास्त्री कहा करते थे...
जा दिन ते मुनि गए लवाई माता कौशल्या पूजन कक्ष में इष्टदेव की आराधना...
सीय स्वयंबरु देखिअ जाई डॉ. लक्ष्मी शंकर त्रिपाठीकानपुर आज मिथिला नगरी निहाल हुई जा...
हिन्दी वन्दना के श्रद्धापूरित स्वर ‘एक डोर में सबको जो है बाँधती, वह हिन्दी...
बरबस राम सुमंत पठए हर्ष, उल्लास, आनंद, उत्साह जैसे अवधपुरी में छलक ही नहीं...
