तय करेंगे हम जब कभी रुक जायेगा दिन–रात का ये क्रम।जी रहे या मर...
आशुतोष त्रिपाठी
नारी तुम सबला बन जाओ… डॉ.आशुतोष त्रिपाठी, रायपुर तोड़ो, अपनी कारा तोड़ो,छुप-छुप यूं ना...
हिंदी कविता योग सदा किया करो सुबह-सुबह तुम उठा करो, आलस कभी न किया...