नव सृजन करने आ रही है, ज़िंदगी बुला रही है,
तस्वीर अनेक सजा रही है, जिंदगी बुला रही है,
खोना मत लुभाती है, जिंदगी भटकाती है,
हर पड़ाव में दाँव है, कीमतों का जमाव है,
बोली लगा रही है, जिंदगी बुला रही है,
साथ निभा रही है, अपनों से मिला रही है,
सपने जगा रही है, जिंदगी बुला रही है,
जिंदगी के दर्पण में, देख दोहरी दर्शना,
खोना पाना पाकर खोना, सच्ची- झूठी भर्त्सना,
चुन-चुन कर रंग दिखा रही है, जिंदगी बुला रही है,
युक्त रहो स्वयं से, जिंदगी है तेरे दम से,
पकड़ना मत बाहर से, जिंदगी को भ्रम से।
यह सांसों-सांसो से आ रही, जिंदगी बुला रही है,
संगत स्वस्थ मति कि हो, संगीत प्रेम गति कि हो,
आनंद मग्न गा रही है, जिंदगी बुला रही है,
धार बहा रही है, प्राण-प्राण सरिता की,
रुकती नहीं युगों , अमृत पिला रही हैं,
जिंदगी बुला रही हैं
राष्ट्र के नाम कुर्बान हो गए
देश के कितने वीर, जिंदगी की यह भी एक तस्वीर,
आजादी पर अपने इठला रही है, जिंदगी बुला रही है,
बोध रखो कल का, जिंदगी के दिन चार,
सदा यहां न रहता उम्र और प्यार,
सूरज उगा रही है, जिंदगी बुला रही है।