11th Edition (Poem)

अनुक्रमणिका कविताएं / ग़ज़ल :अशोक अंजुम के छंदभक्त शिरोमणि हनुमान जी प्रार्थनापुरुषार्थ – नारी के सम्मान में है!जानते जा मैं पृथ्वी ...

माँ (11th Edition)

सीमा त्रिवेदी, नवी मुंबईसुबह सवेरे सूरज-सी माँ, घर में उजियारा भरती है। थाली में बन घी की रोटी, क्षुधा कुटुम्ब ...

पत्राचार (11th Edition)

पत्राचार प्रियंका शुक्ला, पुरी​ आज सिखाते हुए बच्चों को पत्र लेखन, याद आ गए मुझे वो चिठ्ठियों के बीते दिन।छत ...

जानते जा (11th Edition)

जानते जा - अमित मिश्रा, सरायकेला पाप आंसू से ही धुलेंगे गंगा के जल से नहीं कर्म जब भी खुलेंगे ...

मैं पृथ्वी हूँ (11th Edition)

मैं पृथ्वी हूँ - डॉ. रामानुज पाठक, सतनामैं पृथ्वी हूँ — साक्षी सहस्राब्दियों की,मौन में भी गूँजती रही सभ्यताओं की ...

माँ की याद (11th Edition)

माँ की याद - गिरिधर राय, कोलकाता जाने क्यूँमाँ की याद आज फिर आयी ?और जब आयी तोबहुत आयी ,बहुत आयी, ...

श्रीराम जन्म (11th Edition)

श्रीराम जन्म - अभिषेक त्रिपाठी, कानपुरआ गया चैत्र का माह और वह पुण्य प्रहर,नवमी तिथि में जब सूर्य मेष पर ...

हिंदी बने राष्ट्र भाषा (11th Edition)

हिंदी बने राष्ट्र भाषा - अंकुर सिंह, जौनपुर​ हमारा हो निज भाषा पर अधिकार,प्रयोग हिंदी का, करें इसका विस्तार।निज भाषा ...

पुरुषार्थ (11th Edition)

पुरुषार्थ नारी के सम्मान में है.!​  अपने पुरुषार्थ को स्तापिथ करने का ? ये कैसा व्यवहार है ? दबा ना ...

प्रार्थना (11th Edition)

प्रार्थना दे रहे हैं आपको हम, दिल हृदय शुभ कामना। हर दिवस अद्भुत सदा हो, है प्रभू से प्रार्थना।।जिन्दगी की ...

हनुमान जी (11th Edition)

भक्त शिरोमणि​ हनुमान जी कर्नल प्रवीण त्रिपाठीनोएडा/उन्नावजन्म लिया तिथि पूनम को अति पावन है शुभ चैत्र महीना। मारुत के गृह ...

अशोक अंजुम के छंद (11th Edition )

अशोक अंजुम के छंद अशोक कुमार शर्मा ‘अंजुम’, अलीगढ़ पहलगाम हमले पे मौन साध लेते किंतु शत्रु के शवों पे ...

रंगीला फागुन (10th Edition)

रंगीला फागुन [ आधार छंद - सरसी ] कर्नल प्रवीण शंकर त्रिपाठी ,नोयडा / उन्नाव  फागुन का जब लगे महीना, ...

10th Edition (Poem)

अनुक्रमणिका कविताएं / ग़ज़ल :पावस रंग भरने लगे हैतय करेंगे हम लो ! बसंत आ गयापुनः लौट कर आएंगे रंगीला ...

पावस रंग भरने लगे है (10th Edition)

पावस रंग भरने लगे है... पावस रंग भरने लगी है,भग्नता हरने लगी है।थार की स्वर्णिम धरा पर,चित्रकारी करने लगी है। ...
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