पुरी के “जगन्नाथ मंदिर” में,
प्रभु श्री जगन्नाथ को लगने वाले भोगों में से एक
← कनिका →
सामग्री:
चावल ……………………………… एक कप
देशी घी ……………………………. चार बड़े चम्मच
गुड़ ………………………………… आधा कप या स्वादानुसार
जीरा ………………………………. आधा चम्मच
तेज पत्ता ………………………….. एक
छोटी इलाइची ……………………. दो
बड़ी इलाइची …………………….. एक
लौंग ………………………………. चार
काली मिर्च ……………………….. आधा चम्मच
जायफल एक …………………….. छोटा टुकड़ा
किशमिश,काजू …………………… आधा कप
बादाम …………………………….. चार-पांच
विधि:
पानी को कुछ देर भिगोकर छान लीजिए। कढ़ाई में एक चम्मच घी डालकर चावल को सुनहरा होने तक भून कर निकाल लीजिए। एक मोटे तले के बर्तन में पानी गैस पर रखिए। पानी जब खौलने लगे तो उसमें तेज पत्ता, एक चम्मच घी और बाद में चावल डाल दीजिए। सारे मसाले अच्छी तरह से कूट लीजिए। ढक्कन खोलकर देखिए अगर चावल आधा पक कर फूलने लगा है, उस समय उसमें पिसा गुड़, कुटे मसाले, ड्राई फ्रूट्स और दो चम्मच घी डालकर चलाएं। अब गैस को कम कर ढककर पकाइए। कुछ समय बाद खोलकर देखिए चावल अगर पक गया है, तो गैस बंद कर दीजिए और पांँच या दस मिनट तक ढका रहने दीजिए। अब आपका कनिका तैयार है।
तुलसी पत्ती डालकर महाप्रभू को भोग लगाकर खाइए और खिलाइए।
नोट – अगर आप इसे मिट्टी के बर्तन में बनाएँगे तो स्वाद और बढ़ जायेगा। मंदिर में काजू नहीं पड़ता पर आप काजू भी डाल सकते हैं।
← मालपुआ →
सामग्री:
गेहूं का आटा …………………. 250 ग्राम
चीनी ………………………….. 150 ग्राम
घी …………………………….. 1 किलो
दूध ……………………………. 150 ग्राम
पिसी इलायची ………………… चार
पिसी काली मिर्च ……………… आधा छोटा चम्मच
विधि:
एक बर्तन में दूध चीनी डालकर अच्छी तरह मिलाइए। अब इसमें धीरे-धीरे आटा डालिए और उसे एक चम्मच से चलाते जाइए, जिससे अच्छे से दूध में आटा मिल जाए। पानी डाल कर पकौड़े जैसा गाढ़ा घोल तैयार करिए। पिसी इलाइची, काली मिर्च डालकर अब इसे अच्छी तरह फेंटिए। कड़ाही में घी गरम करिए। गरम घी में एक गोल चम्मच से छोटी पूड़ी के जैसे साइज के पुए घोल को डालिए। इन्हें गुलाबी होने तक तलिए। अब गुलाबी होने पर एक प्लेट में निकाल लीजिए। इसके ऊपर ड्राई फ्रूट्स डाल का सर्व करें। आप इसके ऊपर रबड़ी भी डाल सकती हैं।