राष्ट्र के प्रति कर्तव्य

कर्नल प्रवीण त्रिपाठी,  नोएडा/उन्नाव

स्वाधीनता का पर्व मिल कर, फिर मनायें हम सभी।
परिपूर्ण हो उत्साह से, ध्वज को उठायें हम सभी।1

बच कर न जाये अरि कभी, आँखें दिखा कर देश को।
भुजदंड की ताकत दिखा, दुश्मन मिटायें हम सभी।2

तैयारियां ऐसी करें, सीमा सुरक्षित नित रहे।
जो व्यूह भेदन हो कठिन, ऐसा रचायें हम सभी।3

दिन रात यदि चौकस रहें, होगी नहीं रिपु धृष्टता।
विस्मृत नहीं हो पाठ वो, उस को पढायें हम सभी।4

भारत प्रगति की राह पर, भर जोश में अब चल पड़ा।
आशा भरी नूतन अलख, प्रतिदिन जगायें हम सभी।5

शीतल न हो पाये रूधिर, जो धमनियों में है भरा।
क्षमता दिखा श्रमशील बन, सब लक्ष्य पायें हम सभी।6

सम्मान धूमिल हो नहीं, निज कृत्य से अब देश का।
शुभ कर्म कर प्रत्येक दिन, खुशियाँ लुटायें हम सभी।7

खंडित न हो पाये कभी, सौहार्द भारत वर्ष में।
मिलजुल रहेंगे सब सदा, सौगंध खायें हम सभी।8

जीवन लगाया दाँव पर, सींचा तिरंगा रक्त से।
बलिदान उनका याद कर, मस्तक नवायें हम सभी।9