निदेशक की कलम से

सजग रहें, सतर्क रहें और स्वस्थ रहें
देश इस समय डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ़ और बार-बार होने वाली आतंकी घटनाओं की दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है। ये दोनों मुद्दे न केवल देश की अर्थव्यवस्था, बल्कि समाज, सुरक्षा परिस्थिति और राजनीतिक वातावरण पर गहरा असर डाल रहे हैं।
2025 में ट्रम्प प्रशासन ने भारत की कई निर्यातित वस्तुओं जैसे वस्त्र, रत्न-आभूषण, रसायन, स्टील और एल्युमिनियम – पर 50% तक टैरिफ़ लगा दिए। इससे अमेरिका को होने वाला भारत का निर्यात पिछले चार महीनों में 40% तक गिर गया, और खासकर श्रम प्रधान क्षेत्रों जैसे टेक्सटाइल, गहनों व इंजीनियरिंग उत्पादों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा। अनुमान है कि इससे भारत का GDP 0.3%-0.6% तक कम हो सकता है और करोड़ों रुपये के निर्यात में गिरावट आ सकती है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत धीरे-धीरे व्यापार मार्गों का विविधीकरण कर रहा है, जिससे वह अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश में है। साथ ही, सरकार ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों से देशी उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है।
वहीं दूसरी तरफ भारत में आतंकवाद की घटनाओं में कमी के संकेत जरूर मिले हैं, मगर विगत कुछ समय जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में तीर्थयात्रियों पर बड़ा हमला, दिल्ली के लाल किले के पास कार ब्लास्ट (नवंबर 2025) जैसी घटनाओं से देश आहत हुआ है। इन हमलों ने आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार, सुरक्षा बलों की सख्ती के कारण आतंकी घटनाओं और हताहतों की संख्या में गिरावट तो आई है, परंतु चुनिंदा घातक हमलों से खतरा बना हुआ है।
इस दोहरे संकट के बीच भारत ने अपनी आर्थिक एवं सुरक्षा नीतियों को सुदृढ़ करने का प्रयास किया है। व्यापारिक संबंधों को नई दिशा देने तथा घरेलू उद्योगों को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है। वहीं, आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों का समन्वय बढ़ाया गया है। आशा है कि ये चुनौतियां आने वाले समय में बेहतर रणनीति और सहयोग से पार की जा सकेंगी। हमारी सबसे बड़ी ज़रूरत इन चुनौतियों से जूझते हुए अपने उद्योगों और नागरिकों को सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाए रखना है। पर, इसके लिए देश प्रत्येक भारतवासी से आपसी समन्वय, एकता, सतर्कता और सजगता बनाये रखने की उम्मीद भी करता है।
इसी दृश्टिकोण से जनमैत्री की पूरी टीम आप तक ऐसे आलेख पहुँचाने का प्रयास करती है जिससे आप न सिर्फ अपनी भाषा के प्रति बल्कि अपनी संस्कृति के साथ साथ विभिन्न समस्याओं एवं उनके निवारण के उपायों के प्रति भी आकर्षित हों।माजूदा हालातों को ध्यान में रखते हुए हम आपसे सतर्क रहने और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखने का अनुरोध करते हैं।
