जब से जनसेवा का बीड़ा उठा लिया भैया जी ने शिमला में भी सुंदर बंगला बना लिया भैया जी ने
कितनी जुगत भिड़ाईं लेकिन फिर भी गागर रीती थी बस में धक्के खाते-खाते एक उमरिया बीती थी अब महंगी कारों से गेरेज सजा लिया भैया जी ने जब से जनसेवा का बीड़ा उठा लिया भैया जी ने!
चंदे के धंधे से सुंदर फूल खिले हैं जीवन में लक्ष्मी जी ने डाल लिया है डेरा घर के आंगन में घर में हर सामान विदेशी मंगा लिया भैया जी ने जब से जनसेवा का बीड़ा उठा लिया भैया जी ने!
रोज नारियल फोड़ रहे हैं रोज ही फीता कटता है सब अखबारों से सेटिंग है निश दिन फोटो छपता है कुछ सालों में अपना सिक्का चला लिया भैया जी ने जब से जनसेवा का बीड़ा उठा लिया भैया जी ने!