आवेग है अंधेरा, जो धकेलता है अंधकार में,
उत्साह है सूरज की किरण, जो जगमगाता है मन में।
आवेग है तूफान, जो उखाड़ फेंकता है सब कुछ,
उत्साह है नाविक, जो पार लगाता है समुद्र।
आवेग है डर, जो जकड़ता है मन को,
उत्साह है विश्वास, जो उड़ान भरता है आकाश को।
आवेग है अकेलापन, जो घेरता है चारों ओर,
उत्साह है संगीत, जो भरता है जीवन में रंग और गौरव।
आवेगी बनना मत, बल्कि उत्साही बनो,
जीवन को जीने का एक नया तरीका ढूंढो।
सकारात्मक सोच रखो, निर्णय सोच समझकर लो,
आत्म-नियंत्रण करो, और धैर्य से काम लो।
याद रखो, उत्साह ही है जीवन की कुंजी,
जो खोलती है सफलता के द्वार।
आवेग है अंधेरा, उत्साह है उजाला।
आवेग है विनाश, उत्साह है निर्माण।
आवेग है दुःख, उत्साह है सुख।
आवेग है भूल, उत्साह है सीख।
डॉ. रामानुज पाठक, सतना