आधुनिक रिश्तों का दंश

अशोक वर्मा “हमदर्द”

सुबह के आठ बज रहे थे। कॉलेज का माहौल हमेशा की तरह गुलजार था। लड़कियां और लड़के अपने-अपने ग्रुप्स में मस्त थे । नए ट्रेंड्स, सोशल मीडिया की बातें और आधुनिकता के नाम पर “फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन” का हवाला देते हुए हर कोई अपनी-अपनी दुनिया में मशगूल था।

अंजलि, एक 19 साल की सामान्य कॉलेज गर्ल, अपने आप में थोड़ी शर्मीली लेकिन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव थी। इंस्टाग्राम पर उसके हजारों फॉलोअर्स थे। सेल्फी, वीडियो और “लाइफ को एन्जॉय करो” जैसे पोस्ट उसकी रोजमर्राकी जिंदगी का हिस्सा बन चुके थे।

एक दिन इंस्टाग्राम पर उसे रोहन का मैसेज आया। रोहन, जो दिखने में स्मार्ट और स्टाइलिश था, कॉलेज के पॉपुलर लड़कों में से एक था। “हाय, यू आर सो प्रिटी। फ्रेंडशिप करें ?” अंजलि ने शुरुआत में इग्नोर किया लेकिन लगातार मैसेज आने पर उसने जवाब देना शुरू कर दिया।

रोहन धीरे-धीरे उसकी जिंदगी का हिस्सा बन गया। वीडियो कॉल, चैट्स, और इंस्टाग्राम स्टोरीज पर दोनों की बातचीत अक्सर दिखने लगी। एक दिन रोहन ने अंजलि से उसकी तस्वीर मांगी। “सिर्फ तुम्हारे लिए,” उसने कहा। अंजलि ने थोड़ा झिझकते हुए अपनी एक तस्वीर भेज दी। 

“तुम बहुत खूबसूरत हो, अंजलि । कभी मिलो न, असल में तुम्हें देखना चाहता हूं।” रोहन का यह मैसेज अंजलि के दिल को छू गया। अगले हफ्ते दोनों ने एक पार्क में
मिलने का प्लान बनाया। अंजलि ने अपने माता-पिता से झठ बोलकर कॉलेज का बहाना बनाया और रोहन से मिलने चली गई।

पार्क में रोहन ने उसके लिए जूस ऑर्डर किया। दोनों ने एक-दूसरे की खूब तारीफ की। रोहन ने धीरे-धीरे अंजलि का हाथ पकड़ लिया। “तुम्हारे साथ वक्त बिताना बहुत अच्छा लगता है,” उसने कहा। अंजलि को यह सब नया और रोमांचक लगा।

कुछ ही दिनों में रोहन ने अंजलि से और ज्यादा करीब होने की ख्वाहिश जताई। “हम दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं, तो इसमें बुरा क्या है?” रोहन ने कहा। अंजलि थोड़ा असमंजस में थी लेकिन रोहन की बातों और उसके “सच्चे प्यार” के वादे पर भरोसा कर बैठी।

एक दिन रोहन ने होटल में मिलने का सुझाव दिया। अंजलि ने शुरुआत में मना किया लेकिन रोहन के बार-बार समझाने और “यह सब तो आम है, प्यार में लोग ऐसा ही करते हैं” कहने पर वह तैयार हो गई। होटल के कमरे में रोहन ने उसे अपना विश्वास दिलाया और अंजलि ने अपनी सीमाओं को पार कर दिया।

कुछ हफ्तों बाद, रोहन ने अंजलि से दूरी बनानी शुरू कर दी। फोन कॉल्स अनदेखी होने लगीं। इंस्टाग्राम पर वह किसी और लड़की के साथ नजर आने लगा। जब अंजलि ने उससे बात करनी चाही, तो उसने कहा, “तुम्हारे जैसे बहुत लड़कियां मिल जाएंगी। ज्यादा इमोशनल मत बनो।” 

अंजलि का दिल टूट गया। वह रोहन को खोने के गम में डूब गई। लेकिन यहीं कहानी खत्म नहीं हुई। कुछ दिनों बाद, अंजलि की कुछ निजी तस्वीरें सोशल मीडिया पर लीक हो गईं। यह सब रोहन ने किया था। वह अब अंजलि को ब्लैकमेल करने लगा।

अंजलि के माता-पिता को जब यह सब पता चला, तो वे शर्मिंदा और दुखी हुए। अंजलि को समझ आया कि आधुनिकता का मतलब सिर्फ सोशल मीडिया पर पॉपुलर होना या “फ्रीडम” के नाम पर अपनी सीमाएं पार करना नहीं है। उसने सीखा कि रिश्तों में इज्जत और समझदारी की जरूरत होती है। सच्चे प्यार को पहचानना और अपनी सीमाओं को बनाए रखना जरूरी है।

यह कहानी सिर्फ अंजलि की नहीं है। यह उन सभी लड़कियों और लड़कों की कहानी है, जो आधुनिकता के नाम पर अपनी नैतिकता और समझदारी खो बैठते हैं। प्यार एक पवित्त्र रिश्ता है, जिसे शारीरिक इच्छाओं और दिखावे के लिए बदनाम नहीं करना चाहिए। 

हमारा समाज अक्सर पुरुषों को ही दोषी ठहराता है। लेकिन हर कदम पर सहमति के बिना कोई रिश्ता आगे नहीं बढ़ता। अगर लड़कियां अपनी सीमाओं को समझें और सही गलत का फर्क पहचानें, तो किसी भी लड़के की इतनी हिम्मत नहीं कि वह उनका फायदा उठा सके।

आधुनिकता का मतलब अपनी सोच का विकास करना है, न कि अपने मूल्यों को खो देना। याद रखें, कोई भी रिश्ता तब तक सही है, जब तक वह इज्जत और भरोसे पर बना हो। अगर आप अपने निर्णय खुद नहीं लेंगे, तो आपके जीवन का जिम्मेदार कोई और नहीं हो सकता।

अपनी इज्जत खुद आपके हाथ में है। उसे किसी और के हवाले न करें।

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