रोचक जानकारिया : ज्ञान - विज्ञान

                                                                                                                                                                  पी शुक्ला

सौर मंडल में अक्सर दिलचस्प घटनाएं घटती रहती हैं। अब एक बेहद दुर्लभ खगोलीय घटने होने जा रही है। दरअसल, सितंबर के आखिर से नवंबर के आखिर तक, करीब महीने तक एक मिनी-मून पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। इसका मतलब यह है कि दो महीने के लिए पृथ्वी के पास दो चंद्रमा होंगे। इस घटना से पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण की ताकत दिखेगी। हालांकि, यह आसमान में दिखने वाले चंद्रमा की तरह नहीं होगा, बल्कि यह एक एस्टेरॉयड के रूप में बेहद छोटा होगा। इस मिनी मून का नाम 2024 पीटी5 है। यह चांद नंगी आंखों से नहीं दिखाई देगा। इसे देखने के लिए हाई पावर टेलीस्कोप की आवश्यकता पड़ेगी। यह मिनी-मून 2024 पीटी5 सिर्फ 10 मीटर (33 फीट) व्यास का है। वैज्ञानिकों ने इसी साल अगस्त में इसकी खोज की थी। 25 नवंबर तक इस पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव रहेगा। इस अवधि के दौरान यह एस्टेरॉयड पृथ्वी की परिक्रमा करेगा, लेकिन एक चक्कर पूरा नहीं कर पाएगा।

 मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मिनी-मून वे एस्टेरॉयड हैं, जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण ग्रह के किसी कक्षा में आ जाते हैं और वे तब तक यहां रहते हैं जब तक कि वे अलग होकर दूर नहीं चले जाते। कक्षा में रहने की अवधि इस बात पर निर्भर होती है वे किस गति से पृथ्वी के पास पहुंचते हैं। पृथ्वी की कक्षा में आने वाले ज्यादातर मिनी-मून को देखना कठिन है। इसका कारण यह है कि वह बहुत छोटे होते हैं और अंतरिक्ष के अंधेरे की पृष्ठभूमि में दिखाई देने के लिए उनके पास पर्याप्त चमक

नहीं होती है। यह 25 नवंबर 2024 के बाद यह धरती के गुरुत्वाकर्षण से बाहर चलेगा और फिर सूर्य का चक्कर लगाएगा। अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ने इससे संबंधित पेपर प्रकाशित किया है। इसमें शोधकर्ताओं ने निष्कर्षों का विवरण दिया है। वैज्ञानिकों ने पेपर में लिखा है कि पृथ्वी के निकट की वस्तुएं (नियर अर्थ ऑब्जेक्ट) घोड़े के नाल जैसे पथ का अनुसरण करती हैं। यह ग्रह के करीब और कम सापेक्ष वेग से पहुंचती है, तो मिनी मून जैसी घटना होती है। इसके कारण एस्टेरॉयड की भूकेंद्रित ऊर्जा घंटों, दिनों या महीनों के लिए नकारात्मक हो जाती है। हालांकि, पूरी परिक्रमा किए वगैर वह अपने रास्ते पर निकल जाती हैं। एस्टेरॉयड 2024 पीटी5 धरती के समान कक्षाओं वाली नियर अर्थ ऑब्जेक्ट का हिस्सा है। बेहद दुर्लभ होते हैं मिनी-मून। आमतौर पर यह एस्टेरॉयड पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण धरती कक्षा में 10 से 20 सालों में सिर्फ एक बार प्रवेश करते हैं। हालांकि, हाल के सालों में देखा गया है कि मिनी-मून एक्सोस्फीयर में रह सकते हैं, जो धरती की सतह से करीब 10,000 किमी ऊपर है। औसतन मिनी-मून कुछ महीनों से लेकर दो साल तक पृथ्वी की कक्षा में रहते हैं। इसके बाद यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव से दूर हो जाते हैं और अंतरिक्ष में वापस लौट जाते हैं। अंतरिक्ष में दूसरे चट्टानी पिंडों की तरह भी इनका निर्माण धातु पदार्थों, कार्बन, मिट्टी और सिलिकेट सामग्री के मिश्रण से हुआ हो सकता है।

धरती पे मचेगी तबाही

एस्टेरॉयड को काफी लंबे समय से धरती के लिए खतरा बताया जा रहा है। कहा जाता है कि अगर पृथ्वी से एस्टेरॉयड की टक्कर होती है, तो तबाही मच जाएगी। अब एक एस्टेरॉयड को लेकर वैज्ञानिकों ने चिंता जाहिर की है। इस एस्टेरॉयड का नाम एपोफिस है, जिसे तबाही के देवता के नाम से भी जाना जाता है। वैज्ञानिकों ने इसका नाम मिस्र के अराजकता और विनाश के देवता एपेप के नाम पर रखा है। एपोफिस एस्टेरॉयड साल 2029 में धरती के बेहद करीब से गुजरेगा। उस दौरान धरती से इसकी दूरी सिर्फ 30,600 किलोमीटर होगी। बड़ा आकार होने के कारण इसे नंगी आंखों से देखा जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि एक नए शोध से पता चला है कि अगर एपोफिस एस्टेरॉयड से कुछ दूसरे छोटे एस्टेरॉयड टकराते हैं तो यह अपना रास्ता बदल सकता है। ऐसे में इसकी धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने की संभावना बढ़ जाएगी।

यह एस्टेरॉयड 1230 फीट चौड़ा है, जो करीब साढ़े तीन फुटबॉल मैदान के आकार के बराबर है। अगर पृथ्वी से यह एस्टेरॉयड टकराता है, तो भारी तबाही मचेगी। हालांकि, वैज्ञानिकों ने कहा, ऐसे होने की संभावना बहुत कम है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। इस शोध को लिखने वाले वेस्टर्न ओंटारियो विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री पॉल विएगर्ट ने कहाकि खतरनाक एस्टेरॉयड की पृथ्वी से टकराने की संभावना बहुत कम है। उनका कहना है कि संभावनाएं अनिवार्य तौर पर 10 लाख में 1 है कि कोई एस्टेरॉयड एपोफिस को इतना मोड़ सकता है कि यह 2029 के बाद भविष्य में पृथ्वी के टकराव के रास्ते में न आ सके। पॉल विएगर्ट ने बताया कि उन्होंने एपोफिस की संभावनाओं की गणना की है, जिसका वर्तमान पथ 2029 में पृथ्वी के पास है, लेकिन वह सुरक्षित रूप से आगे बढ़ने वाला है। हालांकि, एपोफिस एक अप्रत्याशित छोटे एस्टेरॉयड के प्रभाव से अधिक खतरनाक पथ पर विक्षेपित हो सकता है। उनका कहना है यह उसी तरह का एस्टेरॉयड है, जो कभी-कभी हमारे वायुमंडल में फायरबॉल के रूप में नजर आते हैं और अप्रत्याशित रूप से एपोफिस से टकरा सकते हैं। इसका पूरा नाम एपोफिस 99942 है, जो खतरनाक एस्टेरॉयड में सबसे ऊपर है। वैज्ञानिक उन एस्टेरॉयड को खतरा मानते हैं जिनकी चौड़ाई 460 फीट या उससे अधिक है और जो पृथ्वी से 20 चंद्र दूरी के भीतर आते हैं। अपने आकार और अपनी दूरी की वजह से यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) और नासा की सेंट्री जोखिम तालिका दोनों में करीब दो दशक से शीर्ष पर है।