विविधा
- राम मिलायी जोड़ी, एक आँधर (अँधा) एक कोढ़ी = ऐसे लोग जो एक दूसरे के मदद न करें
- आगे नाथ न पीछे पगहा = जो व्यक्ति परिवार में अकेला हो
- नौ दिन चले अढ़ाई कोस = धीमी गति से चलना
- नाचि न आवै आंगन टेढ़ा = काम न करने का बहाना
- बिलारी (बिल्ली) के भाग (भाग्य) ते छींका (सिकहर) टूटा = भाग्यवश कुछ अचानक मिल जाये
- आँख एक नहीं, कजरौटा दस दस = व्यर्थ आडम्बर
- छटाँक चून चौ बारे रसोई = केवल दिखावा
- छूँछी हांडी बाजे टन टन = हल्के व्यक्ति के खोखलेपन का खुलासा
- खेत खाये गदहा मार खाये जुलहा = निरपराधी को दण्डित करना
- कोयल होय न उजली सौ मन साबुन लाई = कितना भी प्रयत्न किया जाए स्वभाव नहीं बदलता