भौतिक समस्या और ज्योतिषीय समाधान

प्रश्न: हमारे विवाह को सात वर्ष हो चुके हैं। हमारे पांच वर्ष का एक बेटा भी है। पर मेरे पति अब तक मेरे नहीं हो पाए। कभी मुझसे सीधे मुंह बात नहीं करते हैं। उनके साथ ही पूरा घर मेरा तिरस्कार करता है। ऐसा लगता है कि उनका प्रेम संबंध किसी अन्य स्त्री से है, इसी कारण मेरी इतनी उपेक्षा है। क्या करूं ?
उत्तर: आपकी यह शंका निराधार है कि आपके पति के प्रेम संबंध किसी अन्य स्त्री से हैं। क्योंकि उनकी कुंडली में विवाहेत्तर संबंध का कोई योग नहीं है। विवाह पूर्व का एक असफल प्रेम संबंध की संभावना थी जिसका अब कोई अर्थ नहीं रह गया है।
दूसरी बात आप ये स्पष्ट समझ लें कि आपके साथ जिस प्रकार का व्यवहार हो रहा है उसके लिए आपके अपने ग्रह दोषी हैं न कि कोई और। मकर लग्न की आपकी कुंडली में चंद्रमा छठे और सूर्य बुध सातवें स्थान पर बैठे हैं तथा बृहस्पति द्वादश में। आपका विवाह इनसे न होकर किसी अन्य से भी हुआ होता तो भी आपको ऐसा ही व्यवहार मिलता। अतः इसके लिए किसी अन्य को दोषी मानने का कोई औचित्य नहीं है।
आपकी समस्या आपकी अपेक्षाएं हैं जिन पर आपका ध्यान अधिक रहता है। और अपने कर्त्तव्यों के प्रति आप उदासीन रहती हैं। पति का प्रेम पाना आपके लिए अधिकार से अधिक चुनौती है। यदि आप उनकी पसंदगी नापसंदगी को बारीकी से समझ कर तदनुसार व्यवहार करेंगी और आपका सारा ध्यान इस बात पर रहेगा कि आप ऐसा क्या करें जो वे प्रसन्न हों। तो आपकी समस्त समस्याओं का निराकरण स्वतः हो जाएगा।
आप ऐसा यदि समझदारी के साथ कर सकीं तो निश्चिन्त रहिए आप के पति भी आपका उतना ही ख्याल रखेंगे जितना कि आप उनका। वे बहुत अच्छे इंसान हैं। उनका जन्म मघा नक्षत्र का है। इस नक्षत्र में उत्पन्न जातक की विशेषता होती है कि उसके भीतर कितनी भी पीड़ा हो, चेहरे पर मुस्कुराहट ही रहेगी। आपको उनकी मुस्कुराहट के अंदर की पीड़ा को समझना होगा।
इसके अतिरिक्त आप नित्य श्री शिव चालीसा का पाठ करें। प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर दूध चीनी चढ़ाएं। तथा बृहस्पतिवार की विशेष पूजा अनुष्ठान नियमित करें। मां भगवती आपका कल्याण अवश्य करेगी।