प्रश्न: मेरे घर में बीमारी लगी ही रहती है। एक ठीक हुआ तो दूसरा बीमार पड़ जाता है। हर महीने अच्छा खासा पैसा दवा दारू में ही खर्च हो जाता है। घर में अशांति भी बहुत रहती है।
उत्तर: आप ध्यान दें क्या इधर हाल में ही आपने अपने निवास में कोई बदलाव किया है और क्या ये समस्या उसके साथ ही शुरू हुई है ? यदि ऐसा है, तो निश्चय ही आपके घर में वास्तु दोष है। स्वास्थ्य संबंधी समस्या का पहला कारण, घर में रसोई की गलत स्थिति होता है।
घर में रसोई का स्थान अग्नि कोण अर्थात् पूर्व और दक्षिण के मध्य की दिशा में निर्धारित है। यदि ऐसा संभव न हो तो भी रसोई के भीतर चूल्हे की स्थिति ऐसी रखी जा सकती है कि भोजन पकाने वाले का चेहरा इसी दिशा में रहे। साथ ही अग्नि कोण में दीवार पर एक लाल रंग का बल्ब लगवा लें।
जल भंडारण की स्थिति इसके ठीक विपरीत, वायव्य अर्थात पश्चिम और उत्तर के मध्य निर्धारित है। सिंक उसीदिशा में होना चाहिए। यदि ऐसा संभव न हो तो जल भंडारण का कोई पात्र वहां रख कर दोष का निवारण किया जा सकता है।
दूसरा कारण शयन की गलत स्थिति हो सकता है। शयन कक्ष में बेड कैसे भी लगावें, सोते समय ध्यान रखना चाहिए कि सिरहाना उत्तर अथवा पश्चिम की दिशा में न रहे। इसके अतिरिक्त और कैसे भी लेट सकते हैं। एक बात और ध्यान देने की है, बेड कभी भी छत की बीम के ठीक नीचे नहीं लगाना चाहिए। बेड ऐसे सेट करें कि छत पर यदि बीम हो तो उसके ऊपर न पड़े।
यह अनुभवसिद्ध है कि वास्तु दोष यदि है तो उसका निवारण होते ही स्वास्थ्य संबंधी समस्या और दवा दारू के अनावश्यक खर्चे से स्थाई मुक्ति मिल जाती है।
मां भगवती आपका कल्याण करें।