परिवार ऐसे व्यक्तियों का समूह है, जो एक दूसरे से सम्बंधित होते हैं तथा आपसी समझ और सहमति के माहौल में मिलजुल कर रहते हैं। परिवारवाद एक ऐसी सोंच है जिसमें कोई भी व्यक्ति बिना किसी भय और संकोच के अपनी भावनाओं और अंदरूनी इच्छा को व्यक्त कर सकता है। सामूहिक परिवार की क्षत्रछाया में प्रत्येक सदस्य अपने आप को सुरक्षित, अभिभाज्य और ऐसे व्यक्ति के रूप में महसूस कर सकता है जैसे बच्चा अपनी माँ के आँचल में महसूस करता है।
परिवार को उन व्यक्तियों के समूह के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो एक ही घराने के भीतर मिलजुल कर रहते हैं और आमतौर पर उनकी खानपान की आदतें समान होती हैं अर्थात जिनका रसोई घर एक होता है। जहाँ पर उसके घर के अंदर रहने वाले व्यक्ति सुरक्षित और स्नेह का अनुभव करते हैं। परिवार की जागरूकता के फलस्वरूप सभी सदस्य एक दूसरे के सुख और दु:ख में एकजुट होकर खड़े रहते हैं और किसी भी प्रकार का अंतर देखने को नहीं मिलता। यही आपसी प्रेम और मेलजोल की भावना उन्हें सहज ही समाज से जोड़ देती है।
एक अच्छा परिवार होने से उसका प्रभाव समाज में भी देखने को मिलता है या यूँ कहें एक अच्छे समाज के मूल में सुदृढ़ और भाईचारे की भावना से परिपूर्ण परिवार होता है। समाजशास्त्री समाजीकरण को समाज का प्रतीक अनुकूल प्रक्रिया के रूप में मानते हैं जैसा कि प्रसिद्ध समाजशास्त्री मैकाइवर एंड पेज ने कहा है कि समाज से रहित प्राणी पशु के समान होता है। परिवार की रचना व्यक्तियों से होती है किन्तु यह सामजिक तंत्र का एक भाग ही होता है। परिवार से समाज बनता है और अच्छे समाज से देश की स्थिति सुदृढ़ होती है। एक अच्छे समाज के निर्माण के लिए सामाजिक जागरूकता का होना बहुत आवश्यक होता है। इस तरह की प्रवृत्ति, विचार और भाव एक - दूसरे से जुड़ने में मदद करते हैं और एक - दूसरे के लिए सहायक सिद्ध होते हैं।
यदि हम जागरूक नहीं होंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ी सुदृढ़, संस्कारी एवं निर्भीक नहीं होगी। फलस्वरूप समाज, असामाजिक तत्वों से भर जाएगा एवं एक दूसरे के प्रति प्रेम, स्नेह और सहयोग की भावनाओं का दिन - प्रतिदिन लोप होता चला जाएगा, जिसका प्रभाव हमारे परिवार सहित देश पर भी पड़ेगा और हम कमजोर होते चले जाएँगे। सामाजिक जागरूकता को ध्यान में रखते हुए हमें ऐसे कार्य, ऐसी योजनाएं, ऐसी संस्थाएँ एवं पुनीत योजनाओं का गठन करना चाहिए जो लोगों के लिए सहायक सिद्ध हों और जिससे परिवार और समाज की स्थिति सुदृढ़ हो सके।